एक ज़रूरी कहानी... 2
झींगुर और वह
डॉ (सुश्री) शरद सिंह
एक झींगुर घर में शोर कर रहा था जिससे वह आदमी परेशान हो गया। उसने झींगुर को पकड़ कर बाहर फेंक दिया। दूसरे दिन वह बहुत अकेला महसूस कर रहा था। घर में भी सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसे में उसे उस झींगुर की याद आने लगी। मगर उसे तो वह रात को ही बाहर फेंक चुका था। वह उदास हो गया। तभी उसे खिड़की पर झींगुर की आवाज़ सुनाई दी।आवाज़ सुनकर वह इतना ख़ुश हो गया जैसे बरसों पहले बिछड़ा कोई मिल गया हो। उसने खिड़की खोल कर झींगुर को अंदर आने दिया।
👩कमज़ोर और अनुपयोगी लगने वाला भी महत्वपूर्ण होता है, उसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। है न!
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह
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सही कहा।
जवाब देंहटाएंडूबते को तिनके का सहारा।
सादर