- डॉ. शरद सिंह
साक्षरता केन्द्र में गुरू जी ने महिलाओं को पढ़ाना प्रारम्भ किया। आज जो पाठ वे पढ़ाने जा रहे थे उसका शीर्षक था-‘महिलाओं के अधिकार’।
पढ़ाते-पढ़ाते गुरू जी ने देखा कि पढ़ने वाली महिलाओं के बीच माथे तक घूंघट काढ़े उनकी बीवी भी बैठी है। उसे देखते ही गुरू जी झल्ला पड़े और उन्होंने अपनी बीवी को डपटते हुए कहा-‘क्यों री! तू यहां क्या कर रही है? यहां तेरा क्या काम है? तू अगर यहां बैठी रहेगी तो वहां घर पर बच्चों को कौन सम्हालेगा? गाय-गोरू को कौन चारा-पानी देगा? कौन खाना पकाएगा? जा, भाग यहां से!’
गुरू जी के क्रोध से डर कर उनकी बीवी चुपचाप वहां से उठ कर चली गई और गुरू जी ने अपने केन्द्र की साप्ताहिक रिपोर्ट में लिखा-‘इस सप्ताह का साक्षरता कार्यक्रम शतप्रतिशत सम्पन्न हुआ।’
समकालीन कथा यात्रा - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह Journey Of Contemporary Hindi Story By Dr (Miss) SHARAD SINGH