गुरुवार, मार्च 20, 2014

और हमने खो दिया खुशवंत सिंह को ....



Khushwant Singh

एक श्रद्धांजलि ... 



- डॉ. शरद सिंह



खुशवंत सिंह का जन्म 2 फ़रवरी, 1915, हदाली, पंजाब में हुआ था। वो एक प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे। एक पत्रकार के रूप में इन्होंने बहुत लोकप्रियता मिली।
उन्हें 1974 पद्म भूषण और 2007 में 'पद्म विभूषण' से भी इन्हें सम्मानित किया गया। खुशवंत सिंह ने कई अमूल्य रचनाएं अपने पाठकों को प्रदान की हैं। उनके पिता का नाम सर सोभा सिंह था, जो अपने समय के प्रसिद्ध ठेकेदार थे। खुशवंत सिंह जी ने 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' में शिक्षा पाई थी। इसके बाद लंदन से ही क़ानून की डिग्री ली। उसके बाद तक वे लाहौर में वकालत करते रहे। खुशवंत सिंह जी का विवाह कंवल मलिक के साथ हुआ। इनके बेटे का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है।


एक पत्रकार के रूप में भी खुशवंत सिंह जी ने अच्छा नाम अर्जित किया और पत्रकारिता में बहुत ख्याति अर्जित की। 1951 में वो आकाशवाणी से जुड़े थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया। मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक 'इल्लस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया' के और 'न्यू डेल्ही' के संपादक वे 1980 तक थे।
 
1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के संपादक भी वही थे। तभी से वो प्रति सप्ताह एक लोकप्रिय 'कॉलम' लिखते हैं, जो अनेक भाषाओं के दैनिक पत्रों में प्रकाशित होता है। खुशवंत सिंह उपन्यासकार, इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक के रूप में विख्यात हैं। 
उनके अनेक उपन्यासों में प्रसिद्ध हैं- 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' खुशवंत जितने भारत में लोकप्रिय थे उतने ही पाकिस्तान में भी लोकप्रिय थे। उनकी किताब ट्रेन टू पाकिस्तान बेहद लोकप्रिय हुई। इस पर फिल्म भी बनी। दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है।



  साहित्य के क्षेत्र में पिछले सत्तर वर्ष में खुशवंत सिंह का विविध आयामी योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

शनिवार, मार्च 08, 2014

sharadakshara: विधवाओं की दुर्दशा कब तक?

Dr Sharad Singh

sharadakshara: विधवाओं की दुर्दशा कब तक? 

: Dr Sharad Singh महिला दिवस पर विशेष ...... मित्रो, ‘इंडिया इन साइड’ के March 2014 अंक में ‘वामा’ स्तम्भ में प्रकाशित मेरा लेख ...sharadakshara में पढ़ें...