17.06.2013 को ‘‘दैनिक जागरण’’ के सप्तरंग, साहित्यिक पुनर्नवा परिशिष्ट में मेरा संस्मरणात्मक रेखाचित्र प्रकाशित हुआ है जिसे मै आप सब से शेयर कर रही हूं ....
आप इसे नीचे दिए लिंक पर भी पढ़ सकते हैं......
http://www.facebook.com/photo.php?fbid=530722380319781&set=a.140525269339496.24558.100001460713556&type=1&theater
http://sharadakshara.blogspot.in/
http://epaper.jagran.com/epaper/17-jun-2013-4-Delhi-City-Page-1.html
बहुत सुंदर और विचारोत्तेजक लेख. ऐसे शोषण से मन खिन्न होना स्वाभाविक है.
जवाब देंहटाएंKaise publish karwye hai mujhe bhi apna poem karwana hai
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