‘समीक्षा’ अक्टूबर-दिसम्बर 2010 |
समीक्षक- डॉ. शरद सिंह
राज्यसत्ता और संस्कृति के अंतर्सम्बंधों पर सहज ही सबका ध्यान केन्द्रित रहता है किन्तु रचना, प्रकाशन और समीक्षा के अंतर्सम्बंध पर दृष्टिपात करने का अवसर कम ही आता है। या तो रचना और प्रकाशन या फिर रचना और समीक्षा के पारस्परिक संबंधों पर ही विचार-विमर्श सिमट कर रह जाता है। यह एक शाश्वत सत्य है कि समीक्षा विधा रचनाकार की रचना प्रक्रिया को दिशा प्रदान करती है। इस विधा पर प्रायः भेद-भाव या प्रयोजित होने का आरोप भी लगता रहा है। ऐसी स्थिति में एक ऐसी पत्रिका का महत्व बढ़ जाता है जो समीक्षा विधा पर ही केन्द्रित हो। ‘आलोचना’ और ‘समीक्षा’ पत्रिकाएं मूल रूप से समीक्षा पर केन्द्रित पत्रिकाएं हैं। ‘समीक्षा’ की प्रकाशन-यात्रा सन् 1967 में पटना से आरम्भ हुई और दिल्ली स्थानान्तरित होने के बाद भी सतत् जारी रही। इस पत्रिका की यात्रा में एक सुनहरा मोड़ तब आया जब यह सामयिक प्रकाशन, दिल्ली के प्रबंधन से जुड़ गई। यह जुड़ाव इसलिए महत्वपूर्ण है कि जुड़ाव के बाद निकले पहले अंक से ही ‘समीक्षा’ के रूप-रंग में परिवर्तन आने लगा। इसका श्रेय सामयिक प्रकाशन के आधारस्तम्भ और युवा प्रबंधक महेश भारद्वाज की समसामयिक दृष्टिकोण को दिया जाना चाहिए। दूसरा पक्ष यह भी है कि इसके युवा संपादक सत्यकाम और महेश भारद्वाज के बीच प्रकाशकीय समझ का एक अच्छा तालमेल है जिसका प्रमाण ‘समीक्षा’ के वे अंक हैं जो निरंतर चित्ताकर्षक एवं संग्रहणीय रूप में सामने आते गए।......शेषांश ‘पुस्तक समीक्षा’ के पन्ने पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ...
रंजना ने कहा…
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी दी आपने...
बहुत बहुत आभार...
Friday, February 11, 2011
सुन्दर जानकारी दी आपने...
जवाब देंहटाएंहेप्पी वेलन्टाईन डे की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंachchhi jankari ke liye dhanyvad ...
जवाब देंहटाएंसोनू जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक आभार...
सम्वाद बनाए रखें।
आपको भी वेलन्टाईन डे की शुभकामनायें ।
सुरेन्द्र सिंह ‘झंझट’ जी,
जवाब देंहटाएंआपको हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
शरद मेम !
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
आप ने समीक्षा कि अच्छी जानकारी प्रदान कि . आभार
साधुवाद !
सुनील गज्जाणी जी़,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद! मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है!
आपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा.सम्वाद बनाए रखें।
यह एक उपलब्धि है. बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंअबनीश सिंह चौहान जी,
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद!
बहुत सुन्दर अच्छी लगी आपकी हर पोस्ट बहुत ही स्टिक है आपकी हर पोस्ट कभी अप्प मेरे ब्लॉग पैर भी पधारिये मुझे भी आप के अनुभव के बारे में जनने का मोका देवे
जवाब देंहटाएंदिनेश पारीक
http://vangaydinesh.blogspot.com/ ये मेरे ब्लॉग का लिंक है यहाँ से अप्प मेरे ब्लॉग पे जा सकते है
दिनेश पारीक जी,
जवाब देंहटाएंआपका आना सुखद लगा...
आपका स्वागत है!
मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
मेरे अन्य ब्लॉगों पर भी आपके विचारों की प्रतीक्षा रहेगी।
हार्दिक धन्यवाद!
धन्यवाद जानकारी का.
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