शुक्रवार, फ़रवरी 25, 2022

मेरी यादें - डॉ (सुश्री) शरद सिंह | 2

#मेरीयादें_डॉसुश्रीशरदसिंह 
🔸03 नवंबर 2019, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र परिसर | आजतक टीवी द्वारा आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल "साहित्य आजतक 2019" | मुझसे वहां "साहित्य की बेड़ियां" चर्चा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। आदरणीय चित्रा मुद्गल जी से वहां एक बार फिर भेंट हुई। हमेशा की तरह प्यारी सी मुस्कान और तरोताज़ा, स्फूर्तवान चेहरा। गले लगा कर आत्मीयता का संचार । यही तो खूबी है चित्रा जी की। 
     🔸चित्रा मुद्गल जी से मेरी कई बार भेंट हुई। कभी दिल्ली में उनके निवास पर (तब मुद्गल जी से भी भेंट हुई थी) और कभी किसी आयोजन में, तो कभी लखनऊ में... हमेशा सुखद, आत्मीय मुलाक़ात।
     📸 यह तस्वीर 03 नवंबर 2019, साहित्य आजतक 2019 की है जब हम कई साहित्यकार पावेलियन में साहित्यिक चर्चाओं में मशगूल थे।
   🚩 प्रणाम करती हूं आदरणीया चित्रा मुद्गल जी को 🙏

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मंगलवार, फ़रवरी 15, 2022

मेरी यादें - डॉ (सुश्री) शरद सिंह

#मेरीयादें_डॉसुश्रीशरदसिंह
एक ओर मैं (शरद सिंह) और दूसरी ओर प्रख्यात आलोचक परमानंद श्रीवास्तव जी और बीच में कोई सरदार जी नहीं बल्कि सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार आदरणीय काशीनाथ सिंह जी हैं, कहानीकार अमरीक सिंह जी की पगड़ी में। स्थान..लखनऊ स्टेट गेस्टहाऊस का डायनिंग हॉल। सुबह नाश्ते की प्रतीक्षा में । कथाक्रम का आयोजन। सन् 2012 ।
      दोनों ही साहित्यकार जितने वरिष्ठ, उतने ही सहज स्वभाव के। परमानंद जी तो अब हमारे बीच नहीं हैं। जब वे गोरखपुर में अस्पताल में भर्ती थे तो उन्हें देखने जाने का अवसर मिला था। उनका उत्साह देखकर लग नहीं रहा था कि वे अस्पताल में है देर तक भावी योजनाओं पर चर्चा करते रहे। उन्हें नमन 🙏
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