गुरुवार, अगस्त 12, 2021

बेताल, मैंड्रेक और फ्लेश गॉर्डन कभी भुलाए नहीं जा सकते - डॉ (सुश्री) शरद सिंह



बेताल, मैंड्रेक और फ्लेश गॉर्डन कभी भुलाए नहीं जा सकते
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

प्रिय ब्लॉग साथियों, 
आज  बचपन की कुछ यादें ताज़ा की जाएं... आप में से जिसने भी इंद्रजाल कॉमिक्स सिरीज़ के बेताल (Phantom) मैंड्रेक (Mandrake) और फ्लेश गॉर्डन (Flash Gordon) के कॉमिक्स पढ़े होंगे, वे समझ सकते हैं कि उन कॉमिक्स ने हमें मनोरंजन के साथ ज्ञान भी दिया। मैंने तो बहुत पढ़े थे ये कॉमिक्स। आज भी गूगल पर पुराने अंक मिल जाते हैं।
फैंटम और मेंड्रेक को रचा था ली फाक ने जबकि फ्लेश गॉर्डन को एलेक्स रेमंड और डॉन मूर ने।
...जिन्होंने बेताल यानी फैंटम के कॉमिक्स पढ़े वे अपराध की दुनिया और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक मसलों, तानाशाह की हुकूमत, आफ्रीकी देशों की समस्याओं के बारे में बखूबी समझ सकते हैं। याद हैं न आफ्रिका के घने जंगल के बीच रहने वाले फैंटम, यूनीसेफ के लिए काम करने वाली नर्स डायना पामर,  फैंटम का आफ्रीकी कबीलियाई साथी गुर्रन, फैंटम का घोड़ा हीरो (तूफान) और भेड़िया डॉग डेविल। 
     ... जिन्होंने मैंड्रेक को पढ़ा, वे इस बात को समझ सकते हैं कि पश्चिमी और अफ्रीकी देश मिलकर आपराधिक वातावरण को किस तरह रोक सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अपराध रोकने में जादू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको याद है न मैंड्रेक, लोथार, नारडा की टीम जो ज़नाडू नामक विला में रहते थे।
     ...और जिन्होंने फ्लेश गॉर्डन पढ़ा है उनके लिए आज अंतरिक्ष में बस्तियां बसाई जाने की बात कोई नई नहीं है। वे तो फ्लेश गॉर्डन के कॉमिक्स के जरिए पहले ही अंतरिक्ष बस्तियों की सैर कर चुके हैं। एस्ट्रोनॉट फ्लेश गॉर्डन, एस्ट्रोनॉट डेल ऑर्डेन और उनका रशियन साइंटिस्ट साथी हैंस ज़ारकोव।
      ... यानी इन कॉमिक्स के जरिए हमने बचपन में जिस दुनिया को जाना, समझा और जिसकी कल्पना की, उनमें से बहुत कुछ आज साकार होता भी दिख रहा है ...और कुछ के लिए लगता है कि काश! आज भी फैंटम, मैंड्रेक, फ्लेश गॉर्डन जैसी शख्स़ियत हो तो दुनिया और भी खूबसूरत बन सकती है।

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