गुरुवार, जून 18, 2020

ज़िंदा मुहावरों का समय - डॉ शरद सिंह - संस्मरण पुस्तक का अंश

सन् 1985 में मैंने पहली बार सुप्रसिद्ध जैनतीर्थ कुण्डलपुर का भ्रमण किया। उन दिनों "बड़े बाबा" की  प्रतिमा अपने मूल स्थान पर थी। कुण्डलपुर पर लिखे मेरे लेख "नवनीत", "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" और "नईदुनिया" में प्रकाशित हुए थे।

उल्लेखनीय है कि कुण्डलपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक जैनों का एक सिद्ध क्षेत्र है जो दमोह से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  यहाँ तीर्थंकर ऋषभदेव की एक विशाल प्रतिमा है।

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