समकालीन कथा यात्रा - डॉ. (सुश्री) शरद सिंह Journey Of Contemporary Hindi Story By Dr (Miss) SHARAD SINGH
समय पालन भी कोई चीज़ है। चार गरीबों को कहाँ अधिकार कि करोड़ों के पालनहार को इस तरह देर करा दें। बड़ी सटीक कथा।
सच्ची मदद गरीबों की. वाह...
सटीक सार्थक लघुकथा...यही तो है...वचन और व्यवहार में एकरूपता ... कितने कर पाते हैं और नेता ???? इनसे तो यह आशा रखना ...हम सोच भी नहीं सकते...संक्षिप्त कलेवर में गंभीर सन्देश ....
धन्यवाद प्रवीण पाण्डेय जी, संवेदनशीलता का ग्राफ निरंतर गिरता ही जा रहा है, यह चिन्ता का विषय है।
सुशील बाकलीवाल जी, हार्दिक धन्यवाद!
रंजना जी, यह हमारा दुर्भाग्य है कि ऐसे ही असंवेदनशील लोग देश के भाग्यविधाता हैं।मेरे ब्लॉग पर फिर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
लानत है ऐसे भाग्यविधाताओं को|
Patali-The-Village.....हार्दिक धन्यवाद!
hamare neta bharat ke bhagya bidhatatasveer to roz dekhti thi aapne shavdon main bata diya..
उदय पंधीर जी,मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
कथनी और करनी का फर्क नज़र आ रहा है.सार्थक लघुकथा
सटीक। समस्यायों के निराकरण का जिम्मा उन्होने झटक लिया है जिन्हें न तो समझ है और न सम्वेदना।
सोमेश सक्सेना जी,अत्यन्त आभारी हूं आपकी.....विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
अनुराग शर्मा जी,(स्मार्ट इंडियन)आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया. हार्दिक धन्यवाद एवं आभार. कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
समय पालन भी कोई चीज़ है। चार गरीबों को कहाँ अधिकार कि करोड़ों के पालनहार को इस तरह देर करा दें। बड़ी सटीक कथा।
जवाब देंहटाएंसच्ची मदद गरीबों की. वाह...
जवाब देंहटाएंसटीक सार्थक लघुकथा...
जवाब देंहटाएंयही तो है...वचन और व्यवहार में एकरूपता ... कितने कर पाते हैं और नेता ???? इनसे तो यह आशा रखना ...हम सोच भी नहीं सकते...
संक्षिप्त कलेवर में गंभीर सन्देश ....
धन्यवाद प्रवीण पाण्डेय जी, संवेदनशीलता का ग्राफ निरंतर गिरता ही जा रहा है, यह चिन्ता का विषय है।
जवाब देंहटाएंसुशील बाकलीवाल जी, हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंरंजना जी, यह हमारा दुर्भाग्य है कि ऐसे ही असंवेदनशील लोग देश के भाग्यविधाता हैं।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर फिर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
लानत है ऐसे भाग्यविधाताओं को|
जवाब देंहटाएंPatali-The-Village.....हार्दिक धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंhamare neta
जवाब देंहटाएंbharat ke bhagya bidhata
tasveer to roz dekhti thi
aapne shavdon main bata diya..
उदय पंधीर जी,
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
आभारी हूं विचारों से अवगत कराने के लिए।
कथनी और करनी का फर्क नज़र आ रहा है.
जवाब देंहटाएंसार्थक लघुकथा
सटीक। समस्यायों के निराकरण का जिम्मा उन्होने झटक लिया है जिन्हें न तो समझ है और न सम्वेदना।
जवाब देंहटाएंसोमेश सक्सेना जी,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त आभारी हूं आपकी.....
विचारों से अवगत कराने के लिए.. हार्दिक धन्यवाद.
अनुराग शर्मा जी,(स्मार्ट इंडियन)
जवाब देंहटाएंआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया.
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.
कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।