प्रिय
मित्रो, ‘फेमिना’ (हिन्दी) के सितम्बर 2016 अंक में मेरे वक्तव्य के साथ
मेरी ‘प्रथम प्रकाशित कहानी’ प्रकाशित की गई है। अपनी पहली कहानी को ‘फेमिना’
में प्रकाशित देख कर बहुत-सी यादें ताज़ा हो गईं। आप भी पढ़िए मेरी पहली
‘डेब्यू स्टोरी’ ‘‘गीला अंधेरा’....
एक सुखद अनुभूति के लिए हार्दिक धन्यवाद ‘‘फेमिना’’!
'Femina' magazine has published my "first published story" with my statement in September 2016 issue. Really it is special experience for me. So, I want to share with all of you.
Thank you "Femina" to give me a special experience !!!
Femina, September 2016 - Story of Dr (Miss) Sharad Singh |
Femina, September 2016 - Story of Dr (Miss) Sharad Singh |
Femina, September 2016 - Story of Dr (Miss) Sharad Singh |
Femina, September 2016 - Cover Page |
पहली कहानी छपती है तो ख़ुशी तो मिलती है ..
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक कहानी है . बीच-बीच में क्षेत्रीय बोली से कहानी सजीव बन पड़ी हैं ..
बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
जी हां, पहली कहानी का वर्षों बाद पुनः प्रकाशन एक अलग ही सुखद अनुभूति देता है...
जवाब देंहटाएंसंवाद के लिए हार्दिक आभार...