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शुक्रवार, अप्रैल 27, 2012

स्वराज भवन में डॉ. शरद सिंह का कथापाठ

Hitavad Bhopal - 23.04.12
दिनांक २२ अप्रैल २०१२ को भोपाल, मध्य प्रदेश (भारत) के स्वराज भवन में स्पंदन संस्था द्वारा डॉ. शरद सिंह का एकल कहानी-पाठ का आयोजन किया गया। प्रस्तुत हैं समाचारपत्रों में प्रकाशित विवरण के रूप में कार्यक्रम की झलकियां .......

Nai Dunia,Bhopal, 23.04-2012
Dainik City Bhaskar e-पेपर, भोपाल- 23-04-2012 page 2
Rajasthan Patrika, Bhopal-23-04-2012
Hitavada, Bhopal-23.04.12
Free Press Journal,Bhopal-23.04.12
Navbharat, Sagar-27.04.12
Nav Duniya,Sagar-27.04.12
Peopals Samachar, Bhopal-23.04.12

Jagaran City,Bhopal-23.04.12
Nai Duniya, Bhopal- 22.04.2012
Dainik City Bhaskar e-paper 22-04-2012 
Invitation
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बुधवार, अप्रैल 18, 2012

भिखारी (लघुकथा)

-डॉ. शरद सिंह


वह भिखारिन थी। जवान और सुन्दर भिखारिन। 
वह एक कार के पहुँची और उसने कार के भीतर बैठे आदमी से गिड़गिड़ाते हुए कहा- "दो दिन से इस पापी पेट में अन्न का एक भी दाना नहीं पड़ा है....कुछ दे दो बाबूजी !...भगवान तुम्हारा भला करेगा, बाबूजी ! "
भिखारिन की बात सुन कर कार में बैठे हुए आदमी ने एक भरपूर नज़र भिखारिन के शरीर पर डाली और ललचाए हुए स्वर में बोला-" ...और बदले में तुम मुझे क्या दोगी ?"
यह सुनते ही भिखारिन ने अपने माथे पर हाथ मारते हुए कहा- "धत् तेरे की ! मैं भी किस भिखारी से भीख माँगने लगी ?"
......और उस आदमी ने झेंप कर अपनी कार आगे बढ़ा ली।











































































































सोमवार, अप्रैल 09, 2012

मेजबान (लघुकथा)

–खलील जिब्रान

'कभी हमारे घर को भी पवित्र करो।' करूणा से भीगे स्वर में भेड़िये ने भोली-भाली भेड़ से कहा

'मैं जरूर आती बशर्ते तुम्हारे घर का मतलब तुम्हारा पेट न होता।' भेड़ ने नम्रतापूर्वक जवाब दिया।